Wednesday, March 3, 2021

मया के बोली

धड़कन हा धडकत रहिगे, सांस हा चलत रहिगे

ओखर मया तो अंतस के सुरता रहिगे, जन अंतस के अंतस म सरत रहिगे.....

जेठालाल के बबीता कस मया हरस तै मोर....

फेर मोला भी तो अपन दया ला संभालना रहीथे....
🤭🤭🤭

Saturday, November 28, 2020

फुरफुन्दी

नजरें अभी भी उसे ढूंढ रही है👀जिसने कहा था👇
फुरफुन्दी के मुड़ी ल भुइयाँ तरी गड़ियाय ले कौड़ी अउ पइसा बन जाथे।
😂😂😂😂😂

Tuesday, October 6, 2020

2.20 इलू के जोक्स

वाह रे तोर मया.....
सो जा ओ.....फेर फोन झन काटबे....
..
प्लीज़

मोला तोर सांस के आवाज सुनना हे....!!
अतका चोचला कइसे पेल
लेथव रे आज के मजनू....




 
केप्सूल खा के बनाये बाॅडी,
जमीन बेचके आये पइसा,
फेसबुक म उपजे प्रेम,
अउ व्हाट्सएप म मिले ग्यान,
कभू नई टिकय
चाणक्य के कका ससुर हर
कोरा कागज म लिखे हे.....
 
 
 
वइसे मोरे सेटिंग के मेसेज
आये हे.....
 
 
 
 
अगर टाइटेनिक मूवी छत्तीसगढ़ी म बनतीस
त ओखर नाव होतिस
डोंगा बुडगे पानी म,
मयारू मरगे जवानी म!!!
 
 
काश मोर गर्लफ्रेंड का पता होतीस
कि मय ओखर बाॅयफ्रेंड अव
आई मीस यू फलानीन....!!!
 
 
सब्बो काम उत्ता धुर्रा निपटा के.....
खटिया म हाथगोड पसार के.....
मोबाइल चलाये के सुख
अउ कोनो काम म नई हे!!!
 
 
नजर चेक कराये गे रेहव..
डाॅक्टर ह पूछिस....ये कितने का नोट है?
महू कहेव घाम म चेक करके आथव!!
बाहीर निकलेव त 2000 हजार के रहिस
फेर का?
डाॅक्टर अभी तक
मोला खोजत हे.....


मेरा दिल तुझसे मिलने को

लउहा-लउहा कर रहा है....



रेमट ल तो सब झन
कभू न कभू लीले हे....
अउ छिरकबे त छि
कहिथे.....वाह रे
एक झन 8वीं कक्षा के टुरा रोज रोज अपन
गणित के गुरूजी के घर म फोन करथे.....
गुरूजी के घरवाली ह कहिथे ‘‘कितनी बार
बताया कि वो मर चुके है, फिर बार-बार
फोन क्यों करते हो?’’
टुरा, ‘‘सुन के बने लगथे मेडम’’


सब कइथे अउ सुना....अउ
सुना.....
अउ सुना देबे त मू फूल जथे
अलकरहेच हे ग!!!
एक ठो गांव म बिजली लगने वाला रहिस.....
मनखे मन मगन होके नाचत रहिस...!
ओखर मन के साथ एक ठो कुकुर घलो
नाचे लगिस.....!
एक झन ह कुकुर कना पूछते, तै काबर
नाचाथत.....?
कुकुर बोलिसः....खंभा घलो तो लगही कका....!

Saturday, August 8, 2020

कमरछठ के तिहार।

महुआ के पतरी म,पसहर के भात
मिझार के चुरहि, भाजी के छै जात।।
भैस के दही संग,खाबोंन परसाद
दाई ह पोता मार के, देहि आसिरवाद।
बहिनी बेटी मन लइका के सेती,
              करे है उपास।।
जुग2 जिये तोर मोर लइका, ऐसे है विस्वास।
बहिनी बेटी महतारी मन के सदा,
           सजे रहे सिंगर।
जम्मो झन बर सुघर होवे,
                  कमरछठ के तिहार।।

Monday, June 29, 2020

रेखराज साहू की कलम से

👉🏻🏠मोर घर-कुरिया के बन जा
👁️ देखईय्या अउ 1️⃣🔜
एक घांव बोल दे 📣सईंया, 

🙎🏻‍♀️तोर इही😊 गोठ ल सुने 
👂🏻बर कई➡️ जनम ले 🛐🔹
तरसत 😌😘हंव गुईयां !

....✍🏻 *®️Rekhraj sahu*
★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★


👉🏻👍🏻का मतलब 🙎🏻‍♀️❤️
असने तोर मया के 
👉🏻जेन दू👩‍❤️‍👨 बांटा म
👩‍❤️‍💋‍👨 बँटाये हस , 🧐🤨

🚶🏻‍♂️एक ले ∆पीछा छुटे त 
🏃🏻‍♀️दुसर म ∆जाके👬🏻 
संटाये हस !

....✍🏻 *®️Rekhraj Sahu*
★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★

🤔कभू 👋🏻चटकन उबाहूँ त 
😊मुस्कुरा के 👄गोठिया देबे ,🌹🌹

 🤫🤭भुला जाहँव😡😏 रिस-पित ल 
💓मया के गोठ🙎🏻‍♀️ गोठिया देबे !🌹🌹

....✍🏻 *®️Rekhraj sahu*
★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★


💓मोला कछु ❣️झन देबे 
मया❤️ के चिन्हारी🔹 
तोर मया मोर बर
 अमृत के💧💦 पानी हे, 

👉🏻अउ तोर ❤️मया बिना
❌❌ ये मोर रानी 
👉🏻"अलकरहा"👈🏻 
मोर जवानी🧍🏻‍♂️ हे !

....✍🏻 *®️Rekhraj sahu*