Friday, August 30, 2019

छत्तीसगढ़ में आकर डाक्टरों

कोई भी बाहर का डाक्टर छत्तीसगढ़ में आकर डाक्टरों की प्रैक्टिस नहीं कर सकता!

क्यों..?

क्योंकि, छत्तीसगढ़ के मरीज की बीमारी छत्तीसगढ़  के डाक्टर के अलावा कोई समझ ही नहीं सकता!

जैसे —
आमाजूरी होगे हे!
खस्सु होगे हे!
भीतर म आँधी कस उठत हे!
आँखी गड़त हे!
पेट जरत हे!
मूड़ पिरात हे!
पेट भडभाड़ात हे!
गुठुवा फूट गे हे!
मुँह टेड़गा होगे हे, लकवा मार देहे कस लागत हे!
लमचूची ढकार आवत हे!
कान टसटसात हे!
असकट लागत हे!
कान बोहात हे!
पेट ह गुडगुड़ात हे!
माथा भन्नात हे!
हाथ-गोड़ झुनझुनात हे!

ऐसी-ऐसी बीमारियाँ सुनकर, अच्छे-अच्छे MBBS डॉक्टर्स को भी अपनी डिग्री पर शक होने लगता है कि साला कहीं ये चैप्टर छूट तो नहीं गया था?



Saturday, August 10, 2019

Chhattisgarhi 370

कोनो कोनो ल देख के 
गारी खुद कइथे 

 मय बाहर आ जाव का ?

मया म ये दुनिया भारी सुघ्घर लागथे 
पीरा म दुनिया बैरी लागथे | 
तुहर जइसे जिनगी म दोस्त रहय 
त बिसलेरी घलो 
साले किंगफ़िशर लागथे 

कखरो करियर ल बर्बाद करे वाले 
सबले बहुचर्चित लाइन 
                                      देख भाई वोहा तोहिला देखत हे। ......... 

रोगहा मोर डउका

सच्चा मित्र वो होता है 
जिसका नाम सुनकर बीबी 
तुरंत भड़क जाये और बोले 
"इहि रोगहा मोर डउका 
ला बिगाडत हे !!!

हाडा नइ रहय

सामारु : वो कोन से अंगरी ए 
जेन म हाडा नइ रहय 
डुग्गु : नई पता 
सामारु : दस्ताने के रे 
जोजवा कुछु नइ जानत !! 

छत्तीसगढ़ के महतारी मन ला

छत्तीसगढ़ के महतारी मन ला 
कुछु याद रहय के झन रहय 
लेकिन 
ये जरूर याद रहिथे की 
हमर कांस के लोटा या कटोरी 
फलाना के घर दे रहेव 
अउ अभी तक लौटाए नई हे। ....