Saturday, August 8, 2020

कमरछठ के तिहार।

महुआ के पतरी म,पसहर के भात
मिझार के चुरहि, भाजी के छै जात।।
भैस के दही संग,खाबोंन परसाद
दाई ह पोता मार के, देहि आसिरवाद।
बहिनी बेटी मन लइका के सेती,
              करे है उपास।।
जुग2 जिये तोर मोर लइका, ऐसे है विस्वास।
बहिनी बेटी महतारी मन के सदा,
           सजे रहे सिंगर।
जम्मो झन बर सुघर होवे,
                  कमरछठ के तिहार।।