Saturday, March 18, 2017

छत्तीसगढ़ीया सबले बढ़ीया

छत्तीसगढ़ीया सबले बढ़ीया 
टूरा फटफटी म जात रथे, टूरी ल देख
अचानक गिर जाथे।
टूरी - ओह माई गाड, लागिस तो नहीं,
टूरा - नही रे पगली, हमन तो असने
फटफटी ले उतरथन।
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अर्ज किया है, उजाले की चाह में अंधेरों में भटक
गया हूं,
उजाले की चाह में अंधेरो में भटक गया हूं
ए दोस्त जरा हाथ देना, चिखला में सटक गया हूं।
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जिंदगी मुश्किलों और तूफानों से भरी है
अगर ठोकर लगे तो हिम्मत मत हारिए।
फिर से खड़े हो जाइए और चिल्ला के बोलिए
‘‘मोला कोन ढकेलिस रे।।
😜😜😜😜😜😜😜

छत्तीसगढ़ी शोले-
वीरू - ए कुकुर मन के आघू म झन नाचबे
बसंती।
बसंती - रोगहा वीरू! तय हर का मोला अपन
नउकरानी समझ रखे हस।
चल रे गब्बर डीजे चला।।
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इंग्लैंड मदर - गुड नाईट डियर
हिन्दू मदर - शुभ रात्रि बेटा
मुस्लिम मदर - शब्बा खैर
और छत्तीसगढ़ी मदर - सुत ना रे रोगहा,
हे भगवान आगी लगय एखर मोबाईल ल।
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चांदनी रात रहिस
नदिया के पार रहिस
अउ बादर म तारा मन के नजारा रहिस
तहा ले प्रेमी प्यार से मुस्का के
प्रेमिका ल कहिस
डार्लिंग!
गुड़ाखू करबे का।।।
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